Wednesday, August 3, 2016

संसदीय समिति का प्रस्ताव, आईएफएस प्रतिभागी दें यूपीएससी में अतिरिक्त पेपर

योगेश मिश्रा
August 03, 2016
रायपुर

विदेशी मामलों के लिए बनी संसदीय समिति ने आईएफएस की नई खेपों के स्तर में लगातार होती गिरावट पर चिंता ज़ाहिर करते हुए प्रस्ताव दिया है कि विदेश सेवा में करियर बनाने के इच्छुक प्रतिभागियों के लिए यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सर्विसेस परीक्षाओं में एक अतिरिक्त पेपर होना चाहिए जिससे उनका अंतर्राष्ट्रीय मामलों में ज्ञान व आवश्यक योग्यता का परिक्षण हो सके। लोक सभा में बुधवार को अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए समिति ने अंतर्राष्ट्रीय मंच में भारत के समक्ष खड़ी चुनौतियों से निबटने के लिए राजनयिकों की संख्या को भी अपर्याप्त बताया है। भारत में 912 स्वीकृत पदों के मुकाबले केवल 770 आईएफएस हैं, जबकि अमरीका में 20,000, जापान में 5700 और चीन में 4500 राजनयिक हैं।

समिति के अध्यक्ष कांग्रेस सांसद और पूर्व केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर का मानना है कि देश के कूटनीतिक मामलों को यदि सही हाथों में देना है तो यूपीएससी आईएफएस प्रतिभागियों के लिए एक अतिरिक्त पेपर आवश्यक कर देना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आईएफएस चयन के लिए निर्धारित गुणवत्ता मानदंडों के मद्देनजर पर्सनालिटी टेस्ट का दायरा भी बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि पर्सनालिटी टेस्ट लेने वाले साक्षात्कार मंडल अपनी टिप्पणियों में यह भी इशारा करें कि आईएफएस चुनने वाले प्रतिभागी योग्य हैं अथवा नहीं।

समिति ने आश्चर्य जताया कि अब कम रैंक वाले प्रतिभागियों को भी आईएफएस मिल जाता जाता है जबकि पहले विदेश सेवा की सभी सीटें यूपीएससी टॉपर्स ही चुन लिया करते थे। समिति ने कहा इस बदलाव से आईएफएस कैडर की प्रतिष्ठा को गहरी ठेस पहुंची है और इसलिए चयन प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन जरूरी है।

514 नए पदों का होगा सृजन

देश में राजनयिकों की सीमित संख्याबल को बढाने के लिए विदेश मंत्रालय ने दस-वर्षीय योजना बनाई है जिसके अनुसार 2008 से 2018 के दौरान 514 नए पदों का सृजन किया जाएगा। विदेशी मामलों की संसदीय समिति कहती है कि यह योजना वर्तमान में मौजूद राजनयिकों के आकार और आवश्यक संख्या के बीच उत्पन्न खाई को पाटने के लिए अपर्याप्त है क्योंकि इसके प्रतिपालन में केवल दो वर्ष शेष रह गए हैं।

वर्तमान में भारत में कुल 2700 राजनयिक हैं जिनमे 770 आईएफएस के अलावा आईएएस, आईपीएस तथा अन्य सेवाओं के साथ-साथ विभिन्न मंत्रालयों के सपोर्ट स्टाफ भी शामिल हैं।

इन देशों में हैं भारत से अधिक राजनयिक


अमरीका 20,000
जापान 5700
चीन 4500
फ्रांस 6000
ब्राज़ील 2000
दक्षिण कोरिया 1250
इटली 910
सिंगापुर 790
भारत 770

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