Wednesday, July 28, 2010

हज़ारों आदिवासी लड़कियां गायब हुईं

रायपुर।

छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वीकार किया है कि प्रदेश मे हज़ारों की तादाद मे आदिवासी लड़कियां गायब हुईं हैं। सरकार ने यह स्वीकारोक्ति विधान सभा मे प्रश्नकाल के दौरान उस वक्त की जब विपक्ष ने प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों रायगढ़ और जसपुर मे हो रहे मानव तस्करी के मामले को सदन मे ज़ोरशोर से उठाया। इस मामले मे विपक्ष सदस्यों ने ऐसे ऐसे प्रश्न की बौछार कर दी जिसका सरकार के पास कोई संतोषजनक जवाब नही था और इसके विरोध मे विपक्ष ने सदन से बहिर्गमन कर दिया।
यह मुद्दा कॉंग्रेस विधायक नन्दकुमार पटेल ने उठाया। उन्होने कहा कि दोनो जिलों की नाबालिग आदिवासी लड़कियों को तस्करी के ज़रिए न केवल देश के महानगरों बल्कि विदेशों मे भी भेजा जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष रवीन्द्र चौबे ने कहा कि दोनों ही जिलों मे मानव तस्करी से संबद्ध पूरा रैकेट सक्रिय है और इस कार्य मे उनकी मदद करने वालों मे बहुत से एनजीओ भी शामिल हैं। इसके जवाब मे गृह मंत्री से संबद्ध संसदीय सचिव विजय बघेल ने कहा कि यह मुद्दा मानव तस्करी का नही बल्कि मानव व्यापार का है जिसपर विपक्ष ने ऐतराज करते हुए पूछा कि सरकार मानव तस्करी को व्यापार कैसे कह सकती है? बघेल ने बताया कि प्रदेश से 46860 लड़कियां गायब हुईं परंतु उनमें से 39000 से ज़्यादा को सरकार उनके परिजनों तक पहुंचाने मे सफल रही।
पटेल ने गृह मंत्री से पूछा कि सरकार ने फ़रवरी 2008 से अब तक मानव तस्करी रोकने के लिए क्या-क्या उपाए किए हैं? इसके जवाब मे गृह मंत्री ननकिराम कंवर ने बताया कि इस इस अपराध मे संलग्न लोगों को बेनकाब करने के लिए राज्य स्तर पर एक एआईजी व जिले स्तर पर राजपत्रित अफसरों को नोडल आफिसर बनाया गया है। इसके अलावा इस संबंध मे पुलिस मुख्यालय से दो बार परिपत्र भी जारी किया गया है। इस पर पटेल ने कहा कि गृह मंत्री के दावे खोखले हैं। उन्होने बताया कि उनके पास गायब हुई 3200 लड़कियों की सूची है और अध्यक्ष धरमलाल कौशिक से इस सूची को पटल पर रखने की अनुमति मांगी परंतु उसे अस्वीकार कर दिया गया। तब कॉंग्रेस विधायक अजीत जोगी ने पूछा कि सरकार इस मामले मे विशेष सेल गठित करने वाली थी उसका क्या हुआ? उन्होने पूछा कि सरकार ने अब तक मानव तस्करी मे लिप्त अपराधियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की तथा कितनों के विरद्ध क़ानूनी कार्रवाई प्रारंभ हुई है? गृह मंत्री कंवर ने बताया कि इस मामले मे 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है जिनके प्रकरण अदालत के विचाराधीन हैं तथा दो अभी तक फरार हैं।
इधर कॉंग्रेस विधायक अमरजीत भगत ने आरोप लगाया कि मानव तस्कर आदिवासी लड़कियों को झांसा देकर ग़लत धंधों मे धकेल रहे हैं। उन्होने जानना चाहा कि इस संबंध मे किस-किस थाने मे कितने मामले दर्ज हुए हैं। नेता प्रतिपक्ष रवीन्द्र चौबे ने जानना चाहा कि रायगढ़ तथा जसपुर जिलों मे सक्रिय जिस एनजीओ व प्लेसमेंट एजेन्सी को चार लड़कियों के साथ नारायणपुर पुलिस ने पकड़ा उसपर सरकार ने क्या कार्रवाई की? इस पर गृह मंत्री ने कुछ आँकड़ों के साथ जवाब दिया परंतु विपक्ष ने कहा कि सरकार इस मामले मे गंभीरता से जवाब देने मे असफल रही है जिसकी वजह से वे सदन का बहिर्गमन कर गए।

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